22 Apr Gadarenes Ke Iss Paar
खुश था मैं ज़िन्दगी में। पता नही किस मनहूस घड़ी ने दस्तक दे दी। दम घूँटता है इस अंधेरे में। इन मुर्दों के बीच जीवित होने का एहसास गूमसा गया है। इन बची-कूची हवाओं में भी मौत की बदबू आती है। कैसे सांस लू मैं?...
खुश था मैं ज़िन्दगी में। पता नही किस मनहूस घड़ी ने दस्तक दे दी। दम घूँटता है इस अंधेरे में। इन मुर्दों के बीच जीवित होने का एहसास गूमसा गया है। इन बची-कूची हवाओं में भी मौत की बदबू आती है। कैसे सांस लू मैं?...